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आशय स्पष्ट कीजिए :जनम-जनम की पूँजी पाई जग में सबै खोवायौ ।

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मीराबाई अपने आराध्य देव श्रीकृष्ण के प्रेम की दीवानी हैं। उन्हें प्राप्त करने के लिए उन्होंने अपने भाई, बंधु, परिवारजनों और सभी सगे-संबंधियों से रिश्ता तोड़ लिया है। उन्होंने तरह-तरह की बदनामिया सही हैं और लाज-शर्म सबको तिलांजलि दे दी है। कहने का अर्थ यह है कि उन्होंने अपना सर्वस्व गवाकर अपने जन्म-जन्मांतर की राम नामरूपी अमूल्य पूंजी प्राप्त की है। यह ऐसी पूंजी है जिसका कोई जोड़ नहीं है।



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