1.

आयन इलेक्ट्रान विधि द्वारा निम्नलिखित रेडॉक्स अभिक्रियाओं को सन्तुलित कीजिए (क) `MnO_(4)^(-)(aq)+I^(-) to MnO_(2)(s)+_(2)(s)` (क्षारीय माध्यम) (ख) `MnO_(4)^(-)(a)+SO_(2)(g) to Mbn^(2+)(aq)+HSO_(4)^(-)(aq)` (अम्लीय माध्यम) (ग) `H_(2)O_(2)(aq)+Fe^(2+)(aq)+ to Fe^(3+)(aq)+H_(2)O(l)` (अम्लीय माध्यम) (घ) `Cr_(2)O_(7)^(2-)+SO_(2)(g) to Cr^(3+)(aq)+SO_(4)^(2-)(aq)` (अम्लीय माध्यम)

Answer» (क) `overset(+7)(Mn)overset(-2)(O_(4)^(-))(aq)+overset(-1)(I^(-))(aq) to overset(+4)(Mn)overset(-2)(O_(2))(s)+overset(0)(I_(2))(s)`
(i) सबसे पहले ऑक्सीकरण तथा अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया लिखते है।
`overset(-1)(2I^(-)) to overset(0)(I_(2))` (ऑक्सीकरण)
`overset(+7)(Mn)O_(4)^(-) to overset(+4)(Mn)O_(2)` (अपचयन)
(ii) ऑक्सीकरण तथा अपचयन अभिक्रयाओं को सन्तुलित करते है।
`2I^(-) to I_(2)+2e`
`MnO_(4)^(-)+3e to MnO_(2)`
(iii) चूँकि अभिक्रिया क्षारीय माध्यम में हो रही, है, इसलिए दायी और जितने O-परमाणु कम है, उतने ही `OH^(-)` आयन जोड़कर को सन्तुलित करते है।
`MnO_(4)^(-)+3e to MnO_(2)+2OH^(-)`
(iv) अब H-परमाणु को सन्तुलित करने के लिए बायीं और `H_(2)O` अणु जोड़ते है तथा उतनी ही संख्या में दायीं ओर `OH^(-)` आयन जोड़ते है।
`MnO_(4)^(-)+3e+2H_(2)O to MnO_(2)+2OH^(-)+2OH^(-)`
नोट हम इस प्रकार भी कह सकते है की दायी ओर जितने O-परमाणु कम है, उतने ही `H_(2)O` अणु बायीं ओर जोड़ते है तथा दूसीर ओर दोगुने `OH^(-)` आयन जोड़ते है।
(v) अब दोनों अर्द्ध-अभिक्रयाओं के एलेक्ट्रॉनों की संख्या सामान करके जोड़ने पर,
`({:([2I^(-)to I_(2)+2e]xx3),([MnO_(4)^(-)+3e+2H_(2)O to MnO_(4)+4OH^(-)]xx2):})/(underline(2MnO_(4)^(-)+4H_(2)+6I^(-) to 2MnO_(2)+8OH^(-)+3I_(2)))`
(ख) `overset(+7)(Mn)overset(-2)(O_(4)^(-))(aq)+overset(+4)Soverset(-2)(O_(2)(g)) to overset(+2)(Mn^(2+))+overset(+1)Hoverset(+6)Soverset(-2)(O_(4)^(-))`
(i) सबसे पहले ऑक्सीकरण, अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया लिखते है-
`SO_(2) to HSO_(4)^(-)` (ऑक्सीकरण)
`MnO_(4)^(-) to0 Mn^(2+)`(अपचयन)
(ii) ऑक्सीकरण , अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया में e सन्तुलित करने पर,
`SO_(2) to HSO_(4)^(-)+2e`
`MnO_(4)^(-)+5e to Mn^(2+)`
(iii) चूँकि अभिक्रिया अमली माध्य में हो रही है। अतः O-परमाणों को सन्तुलित करने के लिए बायीं ओर उतने ही `H_(2)O` अणु जोड़ते है, जितने O-परमाणु कम है। अब H-परमाणु को सन्तुलित करने के लिए दायी ओर `3H^(+)` आयन जोड़ते है।
`SO_(2)+2H_(2)O to HSO_(4)^(-)+2e+3H^(+)`
अब दूसरी अर्द्ध-अभिक्रिया के O तथा H-परमानों को भी इसी प्रकार सन्तुलित कर लेते है।
`8H^(+)+MnO_(4)^(-)+5e to Mn^(2+)+4H_(2)O`
(iv) अब दोनों अर्द्ध-अभिक्रयाओं के इलेक्ट्रान की संख्या सामान करके जोड़ने पर,
`({:([SO_(2)+2H_(2)_O to HSO^(-)+2e+3H^(+)]xx5),([8H^(+)+MnO_(4)^(-)+5e to Mn^(2+)+4H_(2)O]xx2):})/(underline(5SO_(2)+2MnO_(4)^(-)+2H_(2)+H^(+) to 2Mn^(2+)+5HSO_(4)^(-)))`
(ग) `overset(+1)(H_(2))overset(-1)(O_(2))(aq)overset(2+)(Fe^(2+))(aq) to overset(3+)(Fe^(3+))+overset(+1)(H_(2)O(l)`
(i) सबसे पहले ऑक्सीकरण-अपचयन की अर्द्ध-अभिक्रिया लिखते है-
`Fe^(2+) to Fe^(3+)` (ऑक्सीकरण)
`H_(2)O_(2)+2e to H_(2)O+O^(2-)` (अपचयन)
(ii) ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रिया में e सन्तुलित करते है-
`Fe^(2+) to Fe^(3+)+e`
(iii) अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया में `e` सन्तुलित करते है।
`H_(2)O_(2)+2e to H_(2)O`
`2O^(-I)+2e^(-) to 2O^(2-)`
अब इसके बाद इसमें O-परमाणु द्वारा `H_(2)O` तथा H-परमाणु `H^(+)` द्वारा सन्तुलित करते है। क्योकिं अभिक्रिया अम्लीय माध्यम हो रही है।
`2H^(+)+H_(2)O_(2)+2e to H_(2)O+ H_(2)O`
(iv) अब दोनों अर्द्ध-अभिक्रयाओं में e की संख्या बराबर करके जोड़ते है।
`({:([Fe^(2+) to Fe^(3+)+e]xx2),(H_(2)O_(2)+2e+2H^(+) to 2H_(2)O):})/(underline(2Fe^(2+)+H_(2)O_(2)+2H^(+) to 2Fe^(3+)+2H_(2)O))`
(घ) `overset(+6)(Cr_(2))overset(-2)(O_(7)^(2-))(aq)+overset(+4)(S)overset(-2)(O_(2))(g) to overset(+3)(Cr^(3+))(aq)+overset(+6)(S)overset(-2)(O_(4)^(2-))(aq)`
(i) सबसे पहले ऑक्सीकरण अपचयन की अर्द्ध-अभिक्रिया लिखते है-
`SO_(2) to SO_(4)^(2-)` (ऑक्सीकरण)
`Cr_(2)O_(7)^(2-) to Cr^(3+)` (अपचयन)
(ii) ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रयाओं में e सन्तुलित करते है।
`SO_(2) to SO_(4)^(2-)+2e`
अब इसके O-परमाणु को `H_(2)O` द्वारा तथा H- परमाणु को `H^(+)` द्वारा सन्तुलित करते है, क्योकिं अभिक्रिया अम्लीय मध्यम में हो रही है।
`SO_(2)+2H_(2)O to SO_(4)^(2-)+2e+4H^(+)`
(iii) अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया में e सन्तुलित करते है।
`Cr_(2)O_(7)^(2-)+6e to 2Cr^(3+)`
अब इसके O-परमाणु को `H_(2)O` द्वारा तथा H- परमाणु को `H^(+)` द्वारा सन्तुलित करते है।
`14H^(+)+Cr_(2)O_(7)^(2-)+6e to 2Cr^(3+)+7H_(2)O`
(iv) अब दोनों अर्द्ध-अभिक्रयाओं को एलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर करके जोड़ देते है -
`({:([SO_(2)+2H_(2)O to SO_(4)^(2)+2e+4H^(+)]xx3),(14H^(+)+Cr_(2)O_(7)^(2-)+6e to 2Cr^(3)+7H_(2)O):})/(underline(3SO_(2)+Cr_(2)O_(7)^(2-)+2H^(+) to 3SO_()^(2-)+2Cr^(3+)+H_(2)O))`


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