1.

अभिक्रिया Cr2O3 + 2 Al → Al2O3 + 2Cr  (ΔfG– = – 421 kJ) के गिब्ज ऊर्जा मान से लगता है कि अभिक्रिया ऊष्मागतिकी के अनुसार सम्भव है, पर यह कक्ष ताप पर सम्पन्न क्यों नहीं होती ?

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ऊष्मागतिकीय रूप से सम्भव अभिक्रियाओं के लिए भी सक्रियण ऊर्जा की निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है, अतः दी गई अभिक्रिया को सम्पन्न करने के लिए अतिरिक्त ऊष्मा की आवश्यकता होगी।



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