1.

अधिक त्रिज्या की कुंडली R एवं कम त्रिज्या की कुंडली r को एक दूसरे के क्षेत्र में रखा जाता है । यदि इन कुंडलियों के लिए अन्योन्य प्रेरकत्व का मान 1mH हो , तो छोटी कुंडली में 0.5 A धारा प्रवाहित करने पर बड़ी कुंडली से सम्बद्ध फ्लक्स का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» दिया है - M = 1 mH , I = 0.5 A
अतः ` phi = MI`
` = 10^(-3) H xx 0.5 ` A
` = 5 xx 10^(-4) ` Wb
जब छोटी कुंडली में धारा के मान में शून्य तक की कमी होगी तब बड़ी कुंडली के मान में प्रेरित वि . वा . बल स्थापित होगा ।


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