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ऐसा क्यों है जब कोई व्यक्ति ऐल्कोहॉल या ड्रग लेना शुरू कर देता है तो उस आदत से छुटकारा पाना कठिन होता है ? अपने अध्यापक से चर्चा कीजिए |

Answer» सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐल्कोहॉल और ड्रग कि अंतर्निहित व्यसनी प्रकृति है, लेकिन व्यक्ति इस बात को समझ नहीं पाता | ड्रगों और ऐल्कोहॉल के कुछ प्रभवो के प्रति लत, एक मनोवैज्ञानिक आसक्ति है जो व्यक्ति को उस समय भी ड्रग एवं ऐल्कोहॉल लेने के लिए प्रेरित करने से जुडी है जबकि उनकी जरुरत नहीं होती या उनका इस्तेमाल आत्मघाती है | ड्रग के बार-बार उपयोग से हमारे शरीर में मौजद ग्राहियों का सह्य स्तर बढ़ जाता है | इसके फलस्वरूप ग्राही, ड्रगों या ऐल्कोहॉल कि केवल उच्चतर मात्रा के प्रति अनुक्रिया करते हैं, जिसके कारण अधिकाधिक मात्रा लेने की पढ़ जाती है | लेकिन एक बात बुध्दि में बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए कि इन ड्रग को एक बार लेना भी व्यसन बन सकता है | इस प्रकार ड्रग और ऐल्कोहॉल की व्यसनी शक्ति इस्तेमाल करने वाले/वाली को एक दोषपूर्ण चक्र में घसीट लेते हैं,जिससे वे इनका नियमित सेवन (कुप्रयोग) करने लगते हैं और इस चक्र से बाहर निकलना उनके बस में नहीं रहता | किसी मार्गदर्शन या परामर्श के अभाव में व्यक्ति व्यसनी (तनी)बन जाता है और उनके ऊपर आश्रित होने लगता है |


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