1.

ऐसी बानी बोलिए , मन का आपा खोय । औरन को सीतल करौ, आपहु सीतल होय ।। पाहन पूजे हरि मिलों, तो मैं पूजूँ पहार । ताते यह चाकी भली , पीस खाय संसार ।। जहाँ दया तहाँ धर्म है , जहाँ लोभ तहाँ पाप । जहाँ क्रोध तहाँ काल है , जहाँ छिमा तहाँ आप ।। निम्नलिखित शब्दों का अर्थ लीखिए : (अ) चाकी - (ब) संसार -

Answer» (अ) चाकी - चक्की ( अनाज पिसने की )
(ब) संसार - दुनिया , जगत


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