InterviewSolution
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अली ख्वाज़ा और वाज़िद का झगड़ा |
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Answer» अली ख्वाजा : अरे वाजिदभाई, तेल के इस घड़े में मेरी पाँच सौ मोहरें थी, वे इसमें नहीं हैं। अली ख्वाजा : मोहरें घड़े के अंदर थीं। मैंने उनका जिक्र करने की जरूरत नहीं समझी। लेकिन अभी देखा तो उसमे तेल है, पर मोहरें नहीं हैं। अली ख्वाजा : उसमें मोहरें नहीं है, इसका मतलब आपने मोहरें चुरा ली हैं। अली ख्वाजा : शर्म तो तुमको आनी चाहिए, दोस्त और पड़ोसी के साथ धोखेबाजी करते हुए। मोहरें चुरा ली और अब बड़े साहूकार बनते हो ! |
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