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अल्पहस्त एकाधिकारवाले बाजार के तीन लक्षण समझाइए ।

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अल्प एकाधिकार बाजार के लक्षण निम्नानुसार है :

(1) कम विक्रेता और असंख्य क्रेता : इस बाजार में विक्रेताओं की संख्या खूब ही कम होती हैं । सामान्य रूप से बाजार में इकाईयों की संख्या दो या उससे अधिक और लगभग दस से बीस तक मर्यादित होती है । कम विक्रेता होने के कारण एकाधिकारशाही प्रकार का नियंत्रण होता है तथा क्रेता असंख्य होते हैं । इसलिए क्रेता वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता है ।

(2) समानगुणी या प्रतिस्थापन वस्तुएँ : अल्पहस्तकवाले बाजार में समगुणी अथवा प्रतिस्थापन वस्तुओं का उत्पादन और विक्रय किया जाता है । जब बाजार में इकाईयाँ समगुणी वस्तुओं का उत्पादन और विक्रय करती है तब बाजार को संपूर्ण अल्पहस्तक एकाधिकार कहते हैं । जैसे : नमक, क्रूड ऑयल, चाय आदि ।

(3) इकाईयों का प्रवेश : अल्पहस्तक एकाधिकारवाले बाजार में नयी इकाईयों का प्रवेश मुक्त या प्रतिबंधित होती है । यदि बाजार में मुक्त अल्पहस्तक एकाधिकारवाले बाजार के उद्योग में नयी इकाईयों के प्रवेश मुक्त होते हैं । जबकि प्रतिबंधित अल्पहस्तकवाले बाजार में प्रतिबंध होता है ।

(4) विक्रय खर्च : अल्पहस्तक एकाधिकारवाले बाजार में विक्रय खर्च भी देखने को मिलता है । विक्रय खर्च अर्थात् वस्तु के विक्रय के लिए किया जानेवाले खर्च । जिसमें वस्तु की आकर्षक पेकिंग, परिवहन खर्च, विक्रय कर, थोक व्यापारी और फुटकर व्यापारी को भुगतान की गयी रकम, शॉ रूम और सेल्समेन के पीछे किया जानेवाले खर्च का समावेश किया जाता है ।
इस बाजार में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विक्रय खर्च खूब उपयोगी होता है ।

(5) परस्पर अवलंबन : अल्पहस्तक एकाधिकारवाले बाजार में उत्पादक या विक्रेताओं की संख्या बहुत ही कम होती है । इसलिए एकदूसरे की जानकारी रखती हैं । जैसे कार उत्पादक, टेलीविजन उत्पादक आदि यह अपनी स्पर्धक इकाईयों के प्रकार और गुणवत्ता पर ध्यान रखते हैं और कीमत निर्धारण करते समय स्पर्धक इकाईयों पर परोक्ष या प्रत्यक्ष आधार रखते हैं ।

(6) कीमत स्थिरता (त्रुटक मांग रेखा) : अल्पहस्तक एकाधिकारवाले बाजार में माँग रेखा त्रुटक (मोड़दार) देखने को मिलती हैं ।



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