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अल्पमत वालों में विधान विरोधी भावना कब पैदा होती है?

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अल्पमत को विरोध करने तथा अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए। लोकसभा में विरोध पक्ष ‘काम रोको’, ‘निन्दा प्रस्ताव’ आदि लाया करता है। उनको इसका अवसर मिलना चाहिए। इंग्लैण्ड की पार्लियामेंट में उनके ऐसे प्रस्तावों को स्वीकार करके उनको अपनी बात कहने का अवसर अवश्य दिया जाता है। किन्तु भारत में उनके प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो पाते। यदि अल्पमत को अपना पक्ष रखने से वंचित किया जायगा तो उनके मन में विधान-विरोधी भावना पैदा होगी। बहुमत को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए कि अल्पमत को लगे कि उसके साथ निरंकुशता का व्यवहार किया जा रहा है।



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