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अंदाजपत्र अंकों का माया जाल है ।

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यह विधान सत्य है । अंदाजपत्र में विभागीय प्रवृत्तियों के लिए भविष्य में किए जाने वाले खर्च का विवरण अंकों में दर्शाया जाता है । विभागीय अंदाजपत्रों का निरीक्षण करके इसके आधार पर भविष्य में सम्पूर्ण इकाई के लिए निर्धारित हतु को पूर्ण करने के लिए कुल कितना खर्च होगा, कितनी आवक होगी इसका अंदाज अंकों में दर्शाया जाता है । भविष्य के आंतरिक एवं बाह्यरीय परिबलों में परिवर्तन होने से इनका सामना करने हेतु कुल कितना खर्च होगा इसका अंदाजित खर्च अंकों में दर्शाया जाता है । अतः अंदाजपत्र भविष्य के लिए निर्धारित हेतु के लिए तैयार किया गया माया जाल है ।



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