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Answer» भारत एक विशाल देश है। इसकी गौरवशाली परंपरा है। भारत की राष्ट्र भाषा बनने का सौभाग्य हिंदी को ही मिला है। यह सबकी संस्कृति, सभ्यता का गरिमा का प्रतीक है। - अब हिंदी न केवल भारत की बल्कि विश्व की भाषा बन चुकी है।
- संसार के विविध क्षेत्रों में हिंदी करोड़ों लोगों की जीविका बन चुकी है।
- आज भारत के अलावा बंग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, भूटान, फिजी, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिडाड एवं दुबेगो, द.अफ्रीका, बहरीन, कुवैत, ओमान, कत्तर, सौदी अरब गण राज्य, श्रीलंका, अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, जापान, मॉरिशस और ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में हिंदी की माँग बढ़ती ही जा रही है। विदेशों में भी हिंदी की रचनाएँ लिखी जा रही हैं।
- इसमें वहाँ के साहित्यकारों का भी योगदान है। : विदेशों में भारतीयों से आपसी व्यवहार के लिए वहाँ के लोग भी हिंदी सीख रहे हैं।
- भारत के अलावा अन्य देशों में भी कई संस्थाएँ हिंदी के प्रचार व प्रसार में जुटी हुई हैं।
- आज विश्व भर में करीब डेढ़ सौ से अधिक विश्व विद्यालय हिंदी संबंधी कोसों का संचालन कर रहे हैं।
- बैंक, मीडिया. फिल्म उद्योग आदि क्षेत्रों में हिंदी की उपयोगिता दिन – ब – दिन बढ़ती ही जा रही है।
- हिंदी नये – नये रोजगारों का प्रमुख आधार बन चुकी है।
- सारा विश्व हिंदी का महत्त्व जान चुका है। – हर वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाते हैं।
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