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अनुच्छेद मोबाइल की लत

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मोबाइल फ़ोन हमारे जीवन का अभिन्न अंग हो गया है, इसके आभाव में हमारे अनेकों महत्वपूर्ण काम रुक जाते हैं। जब व्यक्ति खुद को अपने मोबाइल फ़ोन से दूर नहीं रख पाता, इस स्थिति को मोबाइल की लत (ADDICTION of MOBILE) कहते हैं। मोबाइल फ़ोन का अविष्कार वर्तमान में व्यक्ति के लिए वरदान है। जिस तरह ज्यादा मीठा सेहत के लिए अच्छा नहीं होता, वैसे ही वरदान का इतना उपयोग मतलब मोबाइल की लत भी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती ।

मोबाइल का अविष्कार

मोबाइल फ़ोन के अविष्कारक मार्टिन कूपर हैं, इन्होंन अपनी टीम के साथ मिलकर अनेक प्रयासों के बाद 1973 में मोबाइल के रूप में दुनिया को एक सुंदर उपहार दिया। पहला मोबाइल फ़ोन 2 किलोग्राम का था और बहुत महंगा था। समय बीतने के साथ यह आम नागरिक के लिए सामान्य हो गया।

मोबाइल फ़ोन की लत क्या है

मोबाइल की लत में हम स्वयं को अपने मोबाइल से दूर नहीं रख पाते हैं। कोई विषेश काम न होने पर भी हम मोबाइल को स्क्रोल करते रहते हैं। आज के समय में हमें मोबाइल की इतनी बुरी लत है, इसका अनुमान आप इस वाक्य से लगा सकते हैं- ‘मोबाइल की लत को दूर करने के उपाय हम घंटों लगाकर मोबाइल पर ही ढुंढते हैं’। यह आदत हमारे जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करता है।मोबाइल की लत हमारे स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है

हमारे स्वास्थ्य पर मोबाइल फ़ोन के लत का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके अधिक उपयोग से व्यक्ति में चिड़चीड़ापन का होना, हमेशा सिर दर्द की समस्या, नेत्र संबंधित समस्या, अनिंद्रा व मोबाइल के हानिकार रेडिएशन से हृदय संबंधित रोग भी हो सकते हैं।

निष्कर्ष

कुछ साल पहले तक मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल कर पाना सबके बस में नहीं था, पर समय बीतने के साथ आज आम तौर पर यह सभी के पास देखा जा सकता हैं। मोबाइल की लत ने हमारे जीवन को बहुत अधिक प्रभावित किया है, अतः हमें इस लत को दूर करने के प्रयास करने चाहिए।



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