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Apathit gadyansh questions answers |
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Answer» जीवन में बहुत अंधकार है और अंधकार की ही भाँति अशुभ और अनीति है| कुछ लोग इस अंधकार को स्वीकार कर लेते हैं और तब उनके भीतर जो प्रकाश तक पहुँचने और पाने की आकांक्षा थी, वह क्रमशः क्षीण होती जाती है| मैं अंधकार की इस स्वीकृति को मनुष्य का सबसे बड़ा पाप कहता हूँ| यह मनुष्य का स्वयं अपने प्रति किया गया अपराध है| उसके दूसरों के प्रति किए गए अपराधों का जन्म इस मूल पाप से ही होता है| यह स्मरण रहे कि जो व्यक्ति अपने ही प्रति इस पाप को नहीं करता है, वह किसी के भी प्रति कोई पाप नहीं कर सकता है| किन्तु कुछ लोग अंधकार के स्वीकार से बचने के लिए उसके अस्वीकार में लग जाते हैं| उनका जीवन अंधकार के निषेध का ही सतत उपक्रम बन जाता है| questions : 1. गधांश में 'अन्धकार' शब्द किस ओर संकेत करता है? ANS . बुराइयों और कठिनाइयों की ओर 2. लेखक ने किसे सबसे बड़ा पाप कहा है? ans. अन्धकार को स्वीकार कर लेना 3. जब व्यक्ति स्वयं के प्रति किए गए अन्याय, शोषण के विरुद्ध आवाज नहीं उठाता, तो ans. इससे दूसरों के प्रति अन्याय, शोषण को बढ़ावा मिलता है 4. 'अन्धकार का निषेध' किस ओर संकेत करता है? ans. यह मानना कि समाज में अन्याय, शोषण, बुराइयाँ नहीं हैं 5. इस गद्यांश का मुख्य उद्देश्य है ans. अन्याय और बुराइयों को दूर करने के लिए प्रेरित करना
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