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असली खुशी पर कहानी लिखे|​

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Explanation:

Hello Dosto, हमारी आज की कहानी खुशियो पर है। हम सभी खुश होते है किसी न किसी बात पर , लेकिन उस खुशी को हम दोगुना कैसे कर सकते है। हमारी आज की कहानी से आपको यही सीखने को मिलेगा..

एक दिन COLLAGE मे प्रोफेसर ने अपने सभी विदियार्थियों(STUDENTS) को बोला – आज हम पढ़ाई के इलावा कुछ और करते है। सभी विदियार्थी बहुत खुश हुए। इस से पहले प्रोफेसर कुछ और बोलते – एक विदियार्थी बोला , सर हम आज क्या खास करेगे।

तभी प्रोफेसर क्लास(CLASS) से बाहर गये और बहुत सारे गुबारे लेकर आए। प्रोफेसर ने बोला – आप सभी एक – एक गुबारा ले लो। सभी विदियार्थियों ने एक – एक गुबारा ले लिया। फिर प्रोफेसर बोले – आप सभी अपने -अपने गुबारे पर अपना नाम लिखो। सभी विदियार्थियों ने ऐसा ही किया।

प्रोफेसर बोले अभी आप सब साथ वाले कमरे मे यह गुबारे रख आयो। सभी(All) विदियार्थियों ने ऐसा किया। दस मिनट के बाद प्रोफेसर बोले आप अपने नाम वाला गुबारा लेके पाँच मिनट के अंदर – अंदर बापिस आयो।

सभी दूसरे कमरे मे गये। पाँच मिनट खत्म हो गये। प्रोफेसर ने कहा – सभी बापिस आ जाओ। सभी स्टूडेंट बापिस आ गये। प्रोफेसर देख कर हैरान सभी के हाथ खाली(Empty) थे। किसी के पास कोई गुबारा नही था।

प्रोफ़ेसोर ने पूछा – क्या किसी को अपने नाम का गुबारा नही मिला । ऐसा क्यू? एक स्टूडेंट वीच मे से उठता और कहता है सर – व्हा पर इतने गुबारे थे। सब को अपना – अपना गुबारा लेना था। हम जब कोई गुबारा उठाते तो किसी और के नाम का ही आता।

प्रोफेसर बोले(Said) चलो मै आपको एक और मौका(Chance) देता हु। जब भी आपके हाथ मे किसी और के नाम का गुबारा आए तो आप उसका नाम बोलना और उसको गुबारा दे देना और टाइम पाँच मिनट ही होगे। सभी ने बात समझ ली।

सभी फिर से अपने नाम का गुबारा लेने के लिए गये। अब जब भी कोई गलत(Wrong) गुबारा किसी के हाथ आता तो वो नाम बोल देता और वो गुबारा सही जगह पहुंच जाता । ऐसा करके सब को अपने – अपने नाम का गुबारा मिल गया। अब सभी स्टूडेंट टाइम से पहले ही क्लास मे पुहच गये।

अब प्रोफेसर बोले – ठीक वैसी ही(Exactly) हमारी ज़िंदगी है। जब हम आप लोगो ने सिर्फ(Only) अपने नाम का गुबारा देखा तो किसी को नही मिला अथवा किसी को खुशी नही मिलती , जब हम सिर्फ अपने बारे मे सोचते है। इसके उलट जब आप लोगो ने दूसरों के बारे मे भी सोचा – उनको उनके नाम का गुबारा दिया तो आप को भी खुशी मिली। आप को भी अपना गुबारा मिल गया। सभी स्टूडेंट बात को अच्छी तरह समझ गये(Well understood)

दोस्तो, ठीक वैसी ही हमारी ज़िंदगी(Life) है । हम लोग ज़िंदगी की इस दौड़ मे आगे निकलना चाहते है। आगे जरूर निकले लेकिन दूसरों को भी साथ लेके चले। इससे आप की खुशी कम नही बलिक दुगनी होगी, क्यूकि खुशी बांटने(SHARE) से ही बढ़ती है।



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