InterviewSolution
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औपचारिक और अनौपचारिक व्यवस्थातंत्र एक-दूसरे के पूरक है । समझाइए । |
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Answer» इकाई के संचालकों द्वारा निश्चित उद्देश्यों को सिद्ध करने के लिए व्यक्ति और कार्य के मध्य के सम्बन्धो का जो विधिवत रूप से जो ढाँचा रचा जाता है, उन्हें औपचारिक व्यवस्थातंत्र कहते हैं । जबकि कोई भी समानतापूर्वक हेतु के अलावा सामूहिक परिणामों में योगदान देने के लिए स्वत: रचित आंतरिक सम्बन्धों का ढाँचा अर्थात् अनौपचारिक व्यवस्थातंत्र । व्यवस्थातंत्र में कार्यरत व्यक्तियों के मध्य अनिवार्य रूप से अमुक विशिष्ट सामाजिक सम्बन्धों का विकास होता है । ऐसे सम्बन्ध व्यवस्थातंत्र में प्राकृतिक या अनौपचारिक रूप से बनते है । ऐसे सम्बन्धों की स्थापना नहीं की जाती जिससे औपचारिक व्यवस्थातंत्र की तरह उनका नक्शा नहीं बनाया जा सकता । अनौपचारिक व्यवस्थातंत्र यह औपचारिक व्यवस्थातंत्र की प्रतिछाया है । औपचारिक व्यवस्थातंत्र में ही इनका उद्भव होता है । अनौपचारिक व्यवस्थातंत्र यह औपचारिक व्यवस्थातंत्र का पूरक है । |
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