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Bachendri pal ko everest chadte samay kin kin kathinaaiyon ka saamana karna padaa

Answer» पाल और इनकी टीम के सदस्यों ने नेपाल पहुंचने के कुछ दिनों बाद ही अपने एवरेस्ट अभियान को शुरू कर दिया था। इस अभियान को कई चरणों में पूरा किया गया था। इस अभियान का पहला चरण बेस कैंप था। बेस कैंप से अपना सफर शुरू करने के बाद पाल और उनके साथी शिविर तक पहुंचे थे और इस शिविर की उंचाई 9, 900 फीट यानी 6065 मीटर थी। इस शिविर पर रात बिताने के बाद, अगले दिन इन सभी ने शिविर 2 की और अपना रुख किया और शिविर 2, 21,300 फीट यानी 6492 मीटर की ऊंचाई पर स्थित था। इस शिविर के बाद अगला चरण शिविर 3 था और इस शिविर की ऊंचाई 24,500 फीट यानी 7470 मीटर की थी।वहीं जैसे- जैसे पाल की टीम ऊंचाई पर पहुंचती जा रही थी, वैसे-वैसे ही पाल की परेशानियां भी बढ़ती जा रही थी। ऊंचाई पर पहुंचने के साथ ही ठंड बढ़ती जा रही थी और इस अभियान से जुड़े सदस्यों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी थी। इस अभियान के लिए गए कई सदस्य तो घायल भी हो गए थे। जिसके चलते कई सदस्यों को इस अभियान को बीच में ही छोड़ना पड़ा। वहीं लाख दिक्कतों के बाद भी पाल ने हार नहीं मानी और इन्होंने अपने आगे का सफर जारी रखा और शिविर 4 की ओर अपने बचे हुए साथियों के साथ रुख किया। ये शिविर 26,000 फीट यानी 7925 मीटर स्थित था और इस शिविर तक पहुंचते पहुंचते पाल की टीम में मौजूद सभी महिलाओं ने हार मान ली और वो यहां से ही वापस बेस कैंप चले गईं और इस तरह इस अभियान को पूरा करने के लिए भारत की और से भेजी गई टीम में केवल पाल ही एक महिला सदस्य बचीं थी।


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