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बैंक समाधान विवरण अर्थात् क्या ?

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अर्थ : ‘बैंक समाधान विवरण अर्थात् अमुक निश्चित समय या तारीख को रोकड़बही के अनुसार की बैंक शेष और पासबुक के अनुसार की बैंक शेष के बीच अंतर के कारणों को प्रदर्शित करनेवाला पत्रक है ।’

स्पष्टता : सामान्यतः व्यापारी बैंक में खाता खुलवाता है । बैंक के साथ होनेवाले व्यवहारों को व्यापारी तीन खानेवाली रोकड़बही में लिखता है । बैंक खुद की बही (खाताबही – Ledger) में इन व्यवहारों को व्यापारी के खाते लेखा करती है, जिसकी नकल पासबक में करके व्यापारी को देती है । पासबुक के आधार पर व्यापारी बैंक की बही में’ उसके खाते का शेष जान सकते है । व्यापारी और बैंक के बीच लेनदार-देनदार जैसा संबंध होता है । इसलिए रोकड़बही के अनुसार की बैंक शेष और पासबुक के अनुसार की शेष समान होनी चाहिये । परंतु अगर दोनों पक्षकारों की बही में समान राशि न हो तब अंतर के कारणों को ज्ञात करके, दोनों पक्षकारों की बही में एक के आधार पर दूसरे का शेष ज्ञात करने के लिये जो पत्रक तैयार किया जाता है, उसे बैंक समाधान विवरण कहते हैं ।



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