1.

भारत के सूती वस्त्र उद्योग के किसी एक राज्य में स्थानीयकरण के कारकों का वर्णन कीजिए।

Answer»

महाराष्ट्र – यहाँ 119 कारखानों में से 40 कताई मिल तथा 79 सम्मिश्रित कारखाने हैं। अकेले मुम्बई में 54 कारखाने स्थापित हैं। नागपुर, पुणे, वर्धा, अमरावती, अकोला, कोल्हापुर, शोलापुर एवं सांगली प्रमुख केन्द्र हैं। राज्य में सूती वस्त्रोद्योग के विकास में निम्नलिखित कारक उत्तरदायी रहे हैं –

⦁    दक्कन लावा के मिट्टी क्षेत्र में कपास की खेती उत्तम होती है।
⦁    मुम्बई पत्तन से मिस्र, अमेरिका आदि से कपास तथा यूरोप से मशीनरी आयात की सुविधा है।
⦁    राज्य में सघन आबादी के कारण पर्याप्त श्रमिक उपलब्ध हैं।
⦁    राज्य में उद्योग के पूर्वारम्भ के कारण श्रमिक कुशल हो गये हैं।
⦁    मुम्बई नगर प्रमुख व्यापार केन्द्र होने के कारण पूँजी की सुविधा प्राप्त है।
⦁    मुम्बई भीतरी भागों से रेलों एवं सड़कों द्वारा जुड़ा है।
⦁    मुम्बई की आर्द्र जलवायु सूती वस्त्र बनाने के लिए उपयुक्त है। कारखानों के भीतर कृत्रिम नमी उत्पन्न करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
⦁    जल-विद्युत एवं परमाणु विद्युत का विकास होने के कारण विदेशों से कोयलों के आयात की आवश्यकता नहीं पड़ती।
⦁    अनेक प्रकार के विशिष्ट वस्त्र (लट्ठा, मलमल, वायल, छींट, सूटिंग, शर्लिंग, धोती, साड़ी, चादरें आदि) तैयार किये जाते हैं।
⦁    उद्योग के पूर्वारम्भ के कारण मुम्बई को ‘सूती वस्त्रों की राजधानी’ (Cottonopolis) कहा जाता है।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions