1.

भारतीय अर्थव्यवस्था में कुटीर उद्योगों की महत्ता को स्पष्ट कीजिए।

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भारतीय अर्थतन्त्र कृषि पर आधारित है। देश की 72% जनसंख्या गाँवों में बसती है तथा कृषि द्वारा आजीविका निर्वाह करती है। कृषि एक मौसमी व्यवसाय है, जिससे कृषकों को पर्याप्त रोजगार प्राप्त नहीं होता। अतएव कृषि पर आधारित कुटीर उद्योगों; जैसे-हथकरघा द्वारा सूती धागा तथा वस्त्र बनाना, खाद्य तेल प्रसंस्करण, गुड़, शक्कर बनाना, चटाई, बान, रस्सी आदि बनाना बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। इन उद्योगों से जहाँ ग्रामीण जनसंख्या को आजीविका के साधन प्राप्त होते हैं, वहीं अर्थतन्त्र में भी सुधार होता है। इसी प्रकार, नगरों में भी अनेक कुटीर उद्योग लोगों की पारिवारिक आय का साधन होते हैं। इनसे श्रमिकों को रोजगार की प्राप्ति होती है।



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