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भारत में ग्राम पंचायतों के सफलतापूर्वक कार्य-संचालन में क्या बाधाएँ हैं ?यापंचायतों की असफलता के कारण बताइए। 

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भारत में अनेक ऐसी समस्याएँ हैं जो ग्राम पंचायतों के सफलतापूर्वक कार्य-संचालन में बाधक रही हैं। उनमें से प्रमुख निम्नवत् हैं

⦁    अशिक्षा – अधिकांश ग्रामीण अशिक्षित हैं; अतः वे ग्राम पंचायतों के महत्त्व को नहीं समझ पाते और पंचायत द्वारा किये जाने वाले विकास कार्यों में आवश्यक सहयोग नहीं दे पाते।

⦁    अधिकारियों में परस्पर तनाव – पंचायतों से सम्बद्ध सरकारी एवं गैर-सरकारी सदस्यों में तनावपूर्ण सम्बन्धों के कारण पंचायतें ठीक से कार्य नहीं कर पातीं।

⦁     वित्त का अभाव – धन के अभाव के कारण पंचायतें विकास-कार्य करने में असफल रही⦁    जातिवाद – जातिवाद के कारण पंचायतें जातियों का अखाड़ा बन गयीं और निर्माण कार्य ठीक से नहीं कर पायीं।

⦁    दलबन्दी ग्रामों में पायी जाने वाली दलबन्दी के कारण लोगों ने अपने – अपने दलीय हितों की पूर्ति पर ही अधिक जोर दिया है, परिणामस्वरूप ग्रामीण विकास का लक्ष्य पूरा नहीं हो
सका है।

⦁    योग्य कर्मचारियों का अभाव – पंचायतों से सम्बन्धित योग्य और ध्येयनिष्ठ कर्मचारियों का अभाव भी पंचायती राज संस्थाओं के कार्य-संचालन में बाधक रहा है।

⦁     ग्राम सभा का कमजोर होना – पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत ग्राम सभा को शक्तिशाली बनाने का प्रयास नहीं किया गया है। इसकी वर्ष में एक या दो बैठकों की व्यवस्था मात्र से विभिन्न विकास कार्यक्रमों के प्रति जनता में रुचि और जनसहयोग के लिए तत्परता उत्पन्न नहीं की जा सकती। परिणाम यह हुआ कि ग्रामीण पुनर्निर्माण सम्बन्धी योजनाओं में आशा के
अनुरूप जनसहयोग प्राप्त नहीं हो सका।।

⦁     कार्यकर्ताओं में समन्वय का अभाव – विकास-खण्ड स्तर पर विभिन्न कार्यकर्ताओं में जिस प्रकार समन्वय की व्यवस्था की गयी है, उस प्रकार की व्यवस्था जिला स्तर के कार्यकर्ताओं में नहीं की गयी है। परिणाम यह हुआ है कि ग्रामों में परिवर्तन लाने और विकास से सम्बन्धित कार्यक्रम सफल नहीं हो सके।

⦁    योग्य नेतृत्व का अभाव – गाँवों में योग्य नेतृत्व का अभाव है।
पेशेवर नेता सार्वजनिक हित के बजाय अपने स्वार्थ की पूर्ति में ही लगे रहते हैं तथा वे पंचायत के धन का दुरुपयोग करते वास्तव में, ग्राम पंचायतों को अनेक लक्ष्यों से दूर ले जाने में अनेक कारण उत्तरदायी रहे हैं। गाँवों के चहुंमुखी विकास के लिए इस संस्था का सक्रिय होना आवश्यक है। गाँवों को सुखी और सम्पन्न जीवन दिलाने के लिए ग्राम पंचायतों में आ गये दोषों का निराकरण आवश्यक है, अन्यथा न तो गाँधी जी का रामराज्य का सपना पूरा होगा और न यहाँ स्वराज सफल हो सकेगा।



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