InterviewSolution
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भारत में साहूकारों की कृषि-वित्त व्यवस्था के दोष बताइए। |
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Answer» भारत में साहूकारों की कृषि-वित्त व्यवस्था के दोष निम्नलिखित रहे हैं ⦁ साहूकार की कार्य-पद्धति लोचदार होती है और वह समय, परिस्थिति तथा व्यक्ति के अनुसार उनमें परिवर्तन करता रहता है। ⦁ साहूकार अपने ऋणों पर ब्याज की ऊँची दर वसूल करता है। ⦁ साहूकार मूलधन देते समय ही पूरे वर्ष का ब्याज अग्रिम रूप में काट लेते हैं और इसकी कोई रसीद नहीं देते हैं। ⦁ अनेक साहूकार कोरे कागजों पर हस्ताक्षर या अँगूठे की निशानी ले लेते हैं और बाद में उन अधिक रकम भर लेते हैं। |
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