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भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए।अथवाभारतीय रिज़र्व बैंक के प्रमुख कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए। अथवाकेन्द्रीय बैंक की परिभाषा दीजिए। भारत के केन्द्रीय बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए। 

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भारतीय रिज़र्व बैंक (केन्द्रीय बैंक) से आशय भारतीय रिज़र्व बैंक देश का सर्वोच्च बैंक है। यह देश की बैंकिंग व्यवस्था पर नियन्त्रण करता है। यह अन्य बैंकों का सहयोगी तथा पथ-प्रदर्शक होता है। यह देश की साख और मुद्रानीति का संचालक भी होता है। कैण्ट के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक वह संस्था है, जिसे सामान्य जनहित में मुद्रा की मात्रा में विस्तार तथा संकुचन की व्यवस्था करने का दायित्व सौंपा गया है।”

बैंक ऑफ इण्टरनेशनल सैटलमेण्ट के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक वह बैंक है, जो देश में चलन तथा साख-मुद्रा की मात्रा का नियमन करे।” लिप्सी के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक वह बैंक है, जिसका मुख्य कार्य अर्थव्यवस्था में मुद्रा तथा साख के प्रवाह को नियमित करना है। ” शों के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक देश की मुद्रा का नियन्त्रण करने वाला बैंक है।” भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्य भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा गया है

I. केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य

भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य निम्नलिखित हैं-

⦁    नोटों का निर्गमन भारतीय रिज़र्व बैंक को नोट निर्गमन का एकाधिकार प्राप्त है। एक रुपये के नोट को छोड़कर बाकी सभी प्रकार की पत्र-मुद्रा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ही निर्गमित की जाती है।

⦁    बैंकों का बैंक शीर्ष बैंक होने के नाते भारतीय रिज़र्व बैंक बैंकों का बैंक के रूप में कार्य करता है। यह सभी अनुसूचित एवं गैर-अनुसूचित बैंकों पर नियन्त्रण भी रखता है।

⦁    साख नियन्त्रण देश के आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक व्यापारिक बैंकों की साख नीति पर नियन्त्रण करता है।

⦁    समाशोधन कार्य बैंकों के आपसी लेन-देन का निपटारा करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समाशोधन-गृहों का संचालन किया जाता है। देश के प्रमुख 14 केन्द्रों पर भारतीय रिज़र्व बैंक स्वयं समाशोधन-गृहों का प्रबन्ध देखता है।

⦁    सरकार का बैंकर, अभिकर्ता एवं सलाहकार भारतीय रिज़र्व बैंक केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों के बैंकर, अभिकर्ता तथा वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्य करता है। यह बैंक केन्द्रीय तथा राज्य सरकार की ओर से भुगतान स्वीकार करता है।

⦁    विदेशी विनिमय नियन्त्रण भारतीय रिज़र्व बैंक देश के बहुमूल्य धातु कोषोंतथा विदेशी विनिमय कोषों को अपने पास सुरक्षित रखता है।

⦁    बैंकिंग प्रणाली का नियमन भारतीय रिज़र्व बैंक का यह कर्त्तव्य होता है कि वह देश की बैंकिंग प्रणाली का नियमन इस तरह करे, जिससे कि लोगों का बैंकिंग में विश्वास बना रहे।

⦁    आँकड़ों का संकलन व प्रकाशन यह बैंक मुद्रा, साख, अधिकोषण,  विदेशी विनिमय और कृषि सम्बन्धी आँकड़ों को एकत्रित करके उनका प्रकाशन भी करता है।

II. सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य

भारतीय रिज़र्व बैंक के सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य निम्नलिखित हैं-

⦁    जमाएँ प्राप्त करना भारतीय रिज़र्व बैंक केन्द्रीय व राज्य सरकार, गैर-सरकारी संस्थाओं, आदि से जमाएँ स्वीकार करता है।

⦁    ऋण देना भारतीय रिज़र्व बैंक व्यापारिक बैंकों, सहकारी बैंकों तथा राज्य व केन्द्रीय सरकार को अल्पावधि के लिए ऋण प्रदान करता है।

⦁    कृषि बिलों का क्रय-विक्रय भारतीय रिज़र्व बैंक 15 माह तक की अवधि के कृषि बिलों का क्रय-विक्रय व उनकी पुनर्कटौती आदि का कार्य करता है।

⦁    विदेशी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय भी करता है।

⦁    विनिमय बिलों का क्रय-विक्रय भारतीय रिज़र्व बैंक व्यापारिक बिलों का क्रय-विक्रय व उनकी कटौती का कार्य करता है, लेकिन उनकी परिपक्वता अवधि 90 दिन से कम होनी चाहिए।

⦁    अल्पावधि ऋण प्राप्त करना भारतीय रिज़र्व बैंक किसी  देश के बैंक या विदेशी बैंक से 30 दिन के लिए ऋण ले सकता है।

⦁    विपत्रों को भुनाना भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में लिखे गए व्यापारिक विपत्रों को भुनाने का कार्य भी करता है।



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