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भारतीय स्टेट बैंक की क्या उपलब्धियाँ या सफलताएँ हैं? |
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Answer» भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के उद्देश्य भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं- ⦁ ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग प्रणाली का विकास करना ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली का विकास करना है। ⦁ रिज़र्व बैंक की साख नियन्त्रण में सहायता रिज़र्व बैंक के प्रत्यक्ष नियन्त्रण में होने के कारण भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य उसकी मौद्रिक और साख नीतियों का पालन करके उसकी साख नियन्त्रण में सहायता करना है। ⦁ कृषि वित्त में सहायता करना भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य कृषि कार्यो; जैसे-खाद, बीज, हल व कृषि उपकरण, आदि खरीदने के लिए ऋण प्रदान करना है। ⦁ सरकार की आर्थिक नीति के संचालन में सहायता देना भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य सरकार की आर्थिक नीतियों के उचित संचालन में सहायता करना है। ⦁ कृषि विपणन समितियों की स्थापना में सहायता करना भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य कृषि विपणन समितियों की स्थापना में सहयोग प्रदान करना है। ⦁ उद्योग व व्यापार को प्रोत्साहन भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य कृषि के विकास के साथ-साथ उद्योग व व्यापार का विकास करना है। ⦁ अनुचित प्रतिस्पर्धा भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य अन्य बैंकों से अनुचित प्रतिस्पर्धा की प्रवृत्ति समाप्त करना है। ⦁ दुर्बल वर्ग की सहायता भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य दुर्बल वर्गों; जैसे-छोटे व्यापारी, रिक्शा चालक, टैक्सी चालक, आदि को सरल व सस्ते ऋण उपलब्ध करवाना है। ⦁ भारतीय मुद्रा बाजार का विकास भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य भारतीय मुद्रा बाजार का अधिकतम विकास करना है। ⦁ नई शाखाएँ खोलने की नीति भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों में बैंक की शाखाएँ खोलकर बैंकिंग प्रणाली का विकास करना है। भारतीय स्टेट बैंक की उपलब्धियाँ भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं- 1. भारतीय बैंकों पर विदेशी प्रभाव की समाप्ति भारत में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के बाद भारत के सभी बैंकों पर विदेशी प्रभाव समाप्त हो गया तथा भारतीयों के साथ किए जाने वाले भेदभाव की समस्याओं का भी अन्त हो गया। 2. बैंकिंग सुविधाओं का विकास भारत में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना होने से कई प्रकार की बैंकिंग सुविधाओं का विकास हुआ है। सन् 1955-56 में स्टेट बैंक व उसके सहायक बैंकों की लगभग 500 शाखाएँ थीं, जो वर्तमान में लगभग 18,992 हो गई हैं। 3. ग्रामीण साख-सुविधाएँ भारतीय स्टेट बैंक ने सभी प्रकार के ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने के लिए भूमि विकास बैंकों, सहकारी समितियों और सहकारी क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को अल्पकालीन व मध्यकालीन ऋण प्रदान किए हैं। 4. विदेशी मुद्रा व्यवसाय भारतीय स्टेट बैंक अनेक प्रकार की विदेशी मुद्राओं में लेन-देन करता है, जिससे विदेशी भुगतानों में सहायता मिलती है। 5. लघु उद्योगों को सहायता भारतीय स्टेट बैंक लघु उद्योगों के विकास के लिए सभी प्रकार के ऋण (अल्पावधि, मध्यावधि एवं दीर्घावधि) उपलब्ध कराने में सहायता करता है। यह राज्य सहकारी बैंक, राज्य वित्त निगम व राज्य उद्योग विभाग के साथ मिलकर साख व्यवस्था को पूरा करता है। 6. प्रशिक्षण सुविधा भारतीय स्टेट बैंक ने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण की व्यापक व्यवस्था की है। इसके लिए 28 प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है। 7. मुद्रा-सुविधाएँ भारतीय स्टेट बैंक सभी अनुसूचित बैंकों एवं सहकारी बैंकों को सप्ताह में तीन बार निःशुल्क धन भेजने की सुविधा उपलब्ध करवाता है। 8. विदेशी व्यापार में सहायता भारतीय स्टेट बैंक निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह व्यावसायियों को आवश्यक विदेशी मुद्रा भी उपलब्ध करवाता है। 9. आँकड़ों का प्रकाशन भारतीय स्टेट बैंक देश की आर्थिक स्थिति के बारे में महत्त्वपूर्ण आँकड़ों को एकत्र करके उनका प्रकाशन करता है। |
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