InterviewSolution
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                                    Can any one tell me :-स्वर संधि वृद्धि और यण | 
                            
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Answer»  जब दो स्वर आपस में जुड़ते हैं या दो स्वरों के मिलने से उनमें जो परिवर्तन आता है, तो वह स्वर संधि कहलाती है। जैसे : विद्यालय : विद्या + आलय इस उदाहरण में आप देख सकते है कि जब दो स्वरों को मिलाया गया तो मुख्य शब्द में हमें अंतर देखने को मिला। दो आ मिले एवं उनमे से एक आ का लोप हो गया। स्वर संधि के प्रकार स्वर संधि के मुख्यतः पांच भेद होते हैं: दीर्घ संधि गुण संधि वृद्धि संधि यण संधि अयादी संधि 3. वृद्धि संधि जब संधि करते समय जब अ , आ के साथ ए , ऐ हो तो ‘ ऐ ‘ बनता है और जब अ , आ के साथ ओ , औ हो तो ‘ औ ‘ बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं। उदाहरण: महा + ऐश्वर्य : महैश्वर्य (आ + ऐ = ऐ) महा + ओजस्वी : महौजस्वी (आ + ओ = औ) परम + औषध : परमौषध (अ + औ = औ) जल + ओघ : जलौघ (अ + ओ = औ) महा + औषध : महौषद (आ + औ = औ) 4. यण संधि जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ य ‘ बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ व् ‘ बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ र ‘ बन जाता है। उदाहरण : अति + अधिक : अत्यधिक (इ + अ = य) प्रति + अक्ष : प्रत्यक्ष (इ + अ = य)  | 
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