1.

छल और कपट का व्यवहार बार-बार नहीं चल सकता-इस के लिए वृन्द जी ने क्या उदाहरण दिया है?

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वृन्द जी के अनुसार जैसे काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती उसी प्रकार छल और कपट का व्यवहार भी बार-बार नहीं चल सकता।



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