1.

चित्र में एक समांतर प्लेट संधारित की प्लेटों के बीच दुरी 4 मिमी तथा विभवांतर 200 वोल्ट है। संधारित को एकसमान चुंबकीय क्षेत्र B में रखा गया है। एक इलेक्ट्रान, जिसे प्लेटों के समांतर ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की और `10^(6)` मीटर/सेकंड के वेग से प्रक्षेपित किया गया, प्लेटों के बीच से होकर बिना किसी विक्षेप के निकल जाता है। प्लेटों के बीच चुंबकीय क्षेत्र B का मान तथा दिशा ज्ञात कीजिये।

Answer» संधारित की प्लेटों के बीच विभवांतर V=200 वोल्ट
प्लेटों के बीच दुरी d=4 मिमी `=4 xx 10^(-3)` मीटर
अतः प्लेटों के बीच वैघृत क्षेत्र
`E=V/d= 200/(4 xx 10^(-3)) = 5 xx 10^(4)` वोल्ट/मीटर
संयुक्त वैघृत तथा चुंबकीय क्षेत्र में, इलेक्ट्रान पर कार्यरत
वैघृत बल `F_(e)=eE`
चुंबकीय बल `F_(B)=evB`
चूँकि क्षेत्र में इलेक्ट्रान बिना विक्षेप के निकल जाता है, अतः `F_(e )` तथा `F_(B)` परिणाम में बराबर व दिशा में विपरीत होंगे। अतः
`eE=evB`
अथवा `B=E/v= (5 xx 10^(4))/(10^(6))`
`=5 xx 10^(-2)` टेस्ला
चूँकि वैघृत बल प्लेट P की और दिष्ट है, अतः चुंबकीय बल प्लेट Q की ओर दिष्ट होना चाहिए। अतः फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियमानुसार B की दिशा कागज के तल के लंबवत नीचे की ओर होगी।


Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions