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चल! ये लोग म्हारा घर ना बणने देंगे।' - सुकिया के इस कथन के आधार पर कहानी की मूल संवेदना स्पष्ट कीजिए। |
Answer» चल! ये लोग म्हारा घर ना बणने देंगे।' - इन शब्दों में सुकिया श्रमिकों की भावनाओं को व्यक्त करती है।"1)'चल! ये लोग म्हारा घर ना बणने देंगे।' - इन शब्दों में सुकिया श्रमिकों की भावनाओं को व्यक्त करती है। उन्होंने कहा कि हमें उच्च समाज के व्यक्तियों की तरह इस दुनिया में रहने का कोई अधिकार नहीं है। 2) उसे एहसास है कि उच्च वर्ग का समाज कभी भी निचले व्यक्ति को बसाना नहीं चाहेगा। 3) सुबे सिंह मानो का शोषण करने की कोशिश कर रहा था, सुकिया और जसदेव ने उसका विरोध किया। सुकिया ने सोचा था कि हम यहाँ रोज़मर्रा के शोषण के कारण बस नहीं जाएँगे। क्योंकि एक श्रमिक को अपनी मर्जी से जीने का अधिकार नहीं हो सकता।" |
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