InterviewSolution
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चंगेज खान का संक्षिप्त जीवन परिचय देते हुए उसके साम्राज्य विस्तार की विवेचना कीजिए। |
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Answer» चंगेज खान का जन्म 1162 ई० के लगभग आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के निकट हुआ था। उसका प्रारम्भिक नाम तेमुजिन था। उसके पिता कियात कबीले के मुखिया थे। उसके पिता की हत्या कर दी गई थी। तेमुजिन की माता ने उसका तथा उसके अन्य भाइयों का पालन-पोषण बड़ी कठिनाई से किया था। युवा होने पर तेमुजिन ने कैराइटे लोगों के शासक व अपने पिता के सगे भाई जो वृद्ध थे, तुगरिल ऊर्फ ओंग खान के साथ पुराने रिश्तों को स्थापित किया। 1180 और 1190 के दशकों में तेमुजिन और ओंग खाने में मित्रवत् सम्बन्ध रहे। उसने अपने पिता के हत्यारे शक्तिशाली तातार कैराइट और ओंग खान के विरुद्ध 1203 में युद्ध छेड़ा। 1206 तक तमाम शक्तिशाली लोगों को परास्त करने के बाद तेमुजिन स्टेपी प्रदेश की राजनीति में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में उभरा। उसकी इस प्रतिष्ठा को मंगोल कबीले के सरदार (कुरिलताई) की एक सभा में मान्यता प्राप्त हुई और उसे चंगेज खान’ की उपाधि के साथ मंगोलों का महानायक घोषित किया गया। 1206 ई० में कुरिलताई में मान्यता मिलने से पूर्व चंगेज खान ने मंगोल लोगों को एक बड़ी सैन्य शक्ति के रूप में संगठित कर लिया था। चंगेज खान की पहली इच्छा चीन पर विजय प्राप्त करने की थी। चीन उस समय तीन भागों में विभक्त था। ये थे-उत्तरी-पश्चिमी प्रान्तों के तिब्बती मूल के सी सिआ लोग, जरचेन लोगों का चिन राजवंश और दक्षिण चीन जिसे पर शुंग राजवंश का शासन था।1209 में सी-सिआ परास्त हो गए। 1213 में चीन की महान् दीवार का अतिक्रमण हो गया। 1215 में पेकिंग नगर को लूटा गया। चिन वंश के विरुद्ध 1234 तक लम्बी लड़ाइयाँ चलीं पर चंगेज खान अपने अभियानों की प्रगति से पूरी तरह सन्तुष्ट था। 1218 तक मंगोलों का साम्राज्य अमू दरिया, तुरान और ख्वारज्म राज्यों तक विस्तृत हो गया था।1219 और 1221 ई० तक के अभियानों में बड़े नगरों ओट्रार, बुखारा, समरकन्द, बल्ख, गुरगंज, मर्व, निशापुर और हेरात ने मंगोल सेनाओं के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अपने जीवन का अधिकांश भाग युद्धों में व्यतीत कर देने के बाद 1227 में चंगेज खान की मृत्यु हो गई। |
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