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`[Co(NH_(3))_(6)]^(3+)` एक अन्त: कक्षक संकुल है, जबकि `[Ni(NH_(3))_(6)]^(2+)` एक बाह्य कक्षक संकुल है, क्यों ?

Answer» `NH_(3)` दोनों संकुल आयनो में लिगेंड के रूप में उपस्थित है | `Co^(3+)" तथा "Ni^(2+)` का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्रमश: `3d^(6)" तथा "3d^(8)` है | अतः CFT के अनुसार d-कक्षकों का विपाटन (splitting), `Co^(3+)" तथा "Ni^(2+)` आयनो के अष्टफलकीय संकुलो में इलेक्ट्रॉन के भरने का क्रम निम्न प्रकार होगा - `Co^(3+)` आयन में दो रिक्त d-कक्षक अन्त: कक्षक संकुल बनाते है | अतः इसमें `d^(2)sp^(3)` संकरण होता है | जबकि `Ni^(2+)` आयन में कोई रिक्त d-कक्षक नहीं है और यह अन्त: कक्षक संकुल नहीं बनाता है | इसमें `sp^(3)d^(2)` संकरण होता है तथा यह बाह्य कक्षक संकुल बनाता है |


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