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चयन (Selection) की प्रक्रिया समझाइए

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चयन की प्रक्रिया निम्न है :

(1) स्वागत और प्राथमिक सम्पर्क : इस स्तर पर सर्वप्रथम इकाई में उम्मीदवार का स्वागत किया जाता है । स्वागतकर्ता (Receptionist) प्राथमिक पूछताछ करके योग्य लगे तो भर्ती अधिकारी के समक्ष भेजते है । भरती अधिकारी उम्मीदवार के पास से ज्ञान, कौशल्य और कामगीरी के बारे में पूछताछ करके जानकारी प्राप्त करते है । प्राथमिक सम्पर्क में उम्मीदवार योग्य लगे तब उनको आवेदन-पत्रक भरने के लिए दिया जाता है । इस कार्य का मुख्य हेतु अयोग्य उम्मीदवार को आरम्भ से ही आवेदन करने से रोकना है । ऐसा करने से भर्ती अधिकारी का समय बचता है तथा कामगीरी सरल बनती है ।

(2) आवेदन-पत्र स्वीकारना और जाँच करना : आवेदन-पत्र द्वारा भर्ती अधिकारियों को उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, ज्ञान और कौशल्य के बारे में जानकारी मिलती है । आवेदन-पत्र के साथ में उम्मीदवार अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में विविध दस्तावेज जैसे कि मार्कशीट्स, अनुभव के प्रमाणपत्र आदि शामिल करते हैं । आवेदन पत्र में दर्शाये हुए विवरण की जाँच की जाती है । यदि आवेदन पत्र में दर्शायी हुई माहिती अपूर्ण या असत्य होने पर ऐसे आवेदन पत्र निरस्त किये जाते है ।

(3) आवश्यक परीक्षाएँ लेना : आवेदन पत्रों में से जिन आवेदन पत्रों को योग्य माना गया हो ऐसे उम्मीदवारों की विभिन्न परीक्षाएँ ली जाती है । प्रत्येक धंधाकीय इकाईयाँ अथवा संस्थाएँ अपने-अपने ढंग से परीक्षाएँ लेते है । उनके द्वारा उम्मेदवार की मानसिक क्षमता, चपलता, कुशलता तथा अभिरूचि आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है ।

  • बुद्धि परीक्षा : इस प्रकार की परीक्षा में उम्मीदवार की बुद्धि, चपलता, स्मरण शक्ति, विचार शक्ति, निर्णय शक्ति इत्यादि जान सकते है ।
  • अभिरूचि परीक्षा : जिस कार्य हेतु उम्मीदवार को पसंद करना हो उस कार्य के प्रति उम्मीदवार की अभिरुचि या रुचि के बारे में जान सकते है ।
  • धंधाकीय परीक्षा : उम्मीदवार को जो कार्य करना हो उसके बारे में उसमें कशलता है या नहीं वह जान सकते है ।
  • मनोवैज्ञानिक परीक्षा : इस तरह की परीक्षा द्वारा उम्मीदवार का स्वभाव, आत्मविश्वास, व्यवहार तथा आदत इत्यादि क बारे में जान सकते है ।

(4) व्यक्तिगत साक्षात्कार : जो उम्मीदवार विविध परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए हो, उन्हें व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है । उम्मीदवारों का चयन करने हेतु चयन समिति की रचना की जाती है जिससे पूर्वाग्रह से मुक्त मूल्यांकन होता है । चयन समिति – में विभिन्न निष्णांतों के अलावा संचालकों के प्रतिनिधि, विभागीय अध्यक्ष, कर्मचारी विभाग के अध्यक्ष आदि का समावेश होता है । इस दौरान उम्मीदवारों को कार्य के अनुरूप प्रश्न पूछे जाते है । विषयान्तर न हो उस बात का ध्यान रखा जाता है । इस दौरान नौकरी की शर्ते तथा मिलनेवाले वेतन के विषय में स्पष्टता होनी चाहिए ।

(5) भूतकाल की जीवनवृत्ति की जाँच : उम्मीदवार जहाँ काम करता हो तथा भूतकाल में जहाँ जहाँ उसने कार्य किया हो उन इकाइयों के पास से उम्मीदवार सम्बन्धी जानकारी मंगाकर, आवेदनपत्र में उम्मीदवार ने जो जानकारी दी हो उससे तुलना करके जाँच करनी चाहिए, जिससे सही परिस्थिति का ज्ञान होता है । उम्मीदवार की प्राप्त जानकारी पूर्वग्रह से मुक्त होनी चाहिए । जिससे उम्मीदवार के बारे में योग्य निर्णय लिया जा सके । इसके अलावा आवेदन पत्र में उम्मीदवार ने दर्शाये गये सदगृहस्थ का अभिप्राय (Reference) लिया जाता है, जिससे चयन की प्रक्रिया में मदद मिलती है ।

(6) प्राथमिक चयन : यदि व्यक्तिगत साक्षात्कार के दौरान और भूतकाल की जीवन वृत्ति के बारे में सकारात्मक होने पर चयन समिति उम्मीदवारों की सूची बनाती है । इस सूची में जितनी आवश्यकता हो उनसे अधिक उम्मीदवार की सूची तैयार की जाती है ।

(7) शारीरिक स्वास्थ्य की जाँच : इकाई में जितने कर्मचारियों की आवश्यकता हो उतने उम्मीदवारों का प्राथमिक चयन करके इकाई निर्धारित चिकित्सक अथवा अस्पताल में शारीरिक जाँच के लिए भेजा जाता है । शारीरिक जाँच का मुख्य हेतु उम्मीदवार शारीरिक रूप से सक्षम है या नही इसकी जाँच करना है । बाकी के उम्मीदवारों को प्रतीक्षा सूची में शामिल किया जाता है । भविष्य में जब कर्मचारी की आवश्यकता हो तब इस प्रतीक्षा सूची में से क्रमानुसार चयन किया जाता है ।

(8) नियुक्ति-पत्र : अन्तिम चयन के पश्चात् उम्मीदवार को नियुक्ति दिया जाता है जिसमें उम्मीदवार को कौन से स्थल पर, कौन सी जगह के लिए, कौन-सा अधिकार, कर्तव्य व दायित्व एवं कर्मचारियों को मिलनेवाला वेतन एवं अन्य आर्थिक एवं अनार्थिक बातों की जानकारी प्रदान की जाती है ।

(9) इकाई परिचय (Induction) एवं कार्य को सौंपना : आधुनिक इकाइयाँ, नियुक्ति पत्र देने के पश्चात् और कार्य को सौंपने के पूर्व कर्मचारी को इकाई की नीति, पर्यावरण, उच्च अधिकारी, सह कर्मचारी एवं अधिनस्थों के साथ परिचय कराया जाता है उन्हीं के पश्चात् कार्य को सौंपा जाता है ।



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