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| 1. | देशी व्यापार किसे कहते हैं? देशी व्यापार के सौदे की गतिविधियों को स्पष्ट कीजिए। | 
| Answer» देशी व्यापार का क्षेत्र अथवा देशी व्यापार के सौदे की गतिविधि 1. पूछताछ-पत्र प्रत्येक क्रेता व्यापारी माल के क्रय से पहले अनेक विक्रेता व्यापारियों से माल के विषय में पूछताछ करता है। यदि विक्रेता व्यापारी स्थानीय होता है, तो भाव की पूछताछ मौखिक रूप से या टेलीफोन के द्वारा की जा सकती है। यदि विक्रेता व्यापारी दूर का होता है, तो यह जानकारी पत्राचार के माध्यम से प्राप्त करते हैं। पूछताछ में माल की किस्म, व्यापारिक छूट, सुपुर्दगी का ढंग व भुगतान की शर्ते, वस्तु की किस्म, आदि के बारे में तुलना की जाती है 2. निर्ण-पत्र या कोटेशन किसी क्रेता व्यापारी से पूछताछ का पत्र प्राप्त होने पर विक्रेता व्यापारी को उसके उत्तर में वस्तुओं की मूल्य सूची भेजनी होती है, इस तरह के पत्र को निर्व-पत्र (Quotation) कहा जाता है। इसमें वस्तु की किस्म, भुगतान की शर्ते, मूल्य, छूट, माल की सुपुर्दगी, आदि बातों को पूर्ण विवरण लिखा होता है। 3. माल के लिए आदेश देना सभी व्यापारियों से मूल्य सूचियाँ या निर्ख-पत्र प्राप्तहोने पर उनका आपस में मिलान कर लिया जाता है तथा जिस व्यापारी का माल उत्तम व कम मूल्य का होता है, उस व्यापारी से वस्तु क्रय करने का निर्णय लिया जाता है। माल क्रय करने का आदेश मौखिक या पत्र के माध्यम से दियाजाता है। 4. आदेश-पत्र की प्राप्ति की सूचना यदि विक्रेता व्यापारी को किसी क्रेता व्यापारी से माल के क्रय का आदेश मिलता है, तो इसकी सूचना क्रेता (ग्राहक) को देनी होती है। इससे क्रेता को आश्वासन हो जाता है कि विक्रेता व्यापारी द्वारा उसके आदेश पर उचित ध्यान दिया जा रहा है। 5. माल उधार देना माल की आदेश-प्राप्ति के समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि माल उधार खरीदा जा रहा है अथवा नकद। यदि माल नकद खरीदा जाता है, तो कोई परेशानी नहीं रहती, किन्तु यदि उधार माल खरीदने का आदेश हो, तो ग्राहक की आर्थिक स्थिति के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए। इस सन्दर्भ में प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम भी पूछ लेने चाहिए और उसकी पिछली आर्थिक व व्यापारिक गतिविधियों को भी ध्यान में रखते हुए माल को विक्रय करने का निर्णय लेना चाहिए। 6. माल का संग्रह एवं संवेष्टन ग्राहक की आर्थिक स्थिति से सन्तुष्ट हो जाने के बाद माल भेजने की तैयारी करनी चाहिए। माल आदेश-पत्र के अनुसार होना चाहिए। माल का मिलान करके इसे पैकिंग के लिए भेजा जाता है। इसकी पैकिंग वस्तु की किस्म के अनुसार करनी चाहिए। माल के पैकेटों पर आवश्यक निर्देश भी लिख देने चाहिए। पैकिंग पर ग्राहक का नाम व मार्क आदि भी लिख देने चाहिए। 7. माल भेजना माल की पैकिंग हो जाने पर इसे भेजने की व्यवस्था करनी होती है। माल को उसकी प्रकृति व मार्ग की दूरी को ध्यान में रखते हुए साधन का चुनाव करना चाहिए, जैसे-सड़क वाहन, रेलवे, वायुयान, जलयान, आदि। | |