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देशीनामा पद्धति में उपयोगी पारिभाषिक शब्द समझाइए :आवरो |

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आवरो : रोजमेल, बैठोमेल तथा सहायक बहियों में लिखे गए सभी व्यवहारों को पंद्रह दिन, मास या निश्चित अवधि के बाद पुन: दूसरी बही में रोजमेल की तरह लिख्खे जाते हैं । इस बही को आवरो कहते हैं । आवरो यह हिसाबों की दूसरी नकल है । सामान्यतः आवरो निश्चित अवधि के बाद रोजमेल या बैठोमेल की सिलक आवरो की सिलक से मिलती है या नहीं यह ज्ञात करने के लिए बनाया जाता है । इससे हिसाबी भूल हुई हो तो भी मालूम पड़ता है । इस प्रकार आवरो में सभी प्रकार के व्यवहार उधार और जमा करके एक ही चौपड़े में लिखे जाते हैं । आवरो यह हिसाबी अंकुश के रूप में देखा जाता है ।



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