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दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध ​

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दहेज एक कुप्रथा के रूप में जानी जाती है पर फिर भी समाज में इस प्रथा को माना जाता है और दहेज मांगने को लेकर कोई शर्म नहीं की जाती।

असल में दहेज की प्रथा कन्यादान का ही एक रूप है। पहले के समय में एक बाप अपनी बेटी को शादी के समय कुछ सामान दान में दिया करते थे परंतु समाज के लालची लोगों ने इसमे भी अपना फायदा देख कर अपनी माँगें रखनी शुरु करदी।

दहेज को नारी का अपमान माना जाता है क्योंकि इस प्रथा को केवल शादी तक सीमित नहीं रखा जाता बल्कि शादी के बाद भी औरतों को प्रताड़ित किया जाता है केवल दहेज ना लाने या दहेज में लाये गए कम सामान के लिए।

इस प्रथा को जिंदा रखना मतलब नारी के सम्मान पर खतरा है, इसे जितनी जल्दी हो सके अपने समाज से खत्म कर देना चाहिए ताकी किसी भी नारी को इस बात के लिए कष्ट ना सहना पड़े की वह दहेज में क्या लाई।



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