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'दिल्ली से पत्र' पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखो ।

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इस पाठ में सनी अपने पिताजी को अपनी विज्ञान यात्रा का वर्णन करते हुए पत्र लिखा था। तीन दिन पहले सनी अपने साथियों और अध्यापकों के साथ दिल्ली पहुँचकर दिल्ली की सैर करने निकले।

सबसे पहले वे कुतुबमीनार देखें । यह एक बहुत पुरानी इमारत और बहुत ऊँचा मीनार है। गुलाम ‘वंश के प्रथम सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था। इसकी ऊँचाई 280 फुट और ऊपर पहुँचने के लिए 379 सीढ़ियाँ हैं। इसके बाद लाल किला देखें। लाल किला लाल पत्थर का बना हुआ है। मुगल बादशाह शाहजहाँ ने इसे बनवाया था । यहाँ “दीवान – ए – खास” स्थान है। इसकी दीवार पर फ़ारसी की पंक्तियाँ लिखी हैं जिसका अर्थ है संसार में पृथ्वी का स्वर्ग यहीं है। किले के पास जामा मसजिद है। इसे भी शाहजहाँ ने बनवाया । इसके बाद जयपुर के राजा “मिर्जा राजा जयसिंह” से बनवाया गया जंतर-मंतर देखें। इसमें एक धूप घडी है। यह सूर्य की किरणों के आधार पर सही समय बता देता है।

दिल्ली के आधुनिक भवनों में राष्ट्रपति भवन तथा संसद भवन के साथ-साथ इंडिया गेट, अक्षर धाम लोटस टेंपल, संग्रहालय और चिडिया घर भी देख लिये। वे बापू की समाधि राजघाट भी देख लिए। अध्यापक जी बताये कि यमुना नदी के गोद में बसा यह शहर भारत की राजधानी ही नहीं प्रसिद्ध नगरों में एक है। अंत में सनी ने तीन दिन में घर लौटने की बात भी बताया ।



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