InterviewSolution
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दो संकेन्द्री वृत्ताकार कुण्डलिया एक कम त्रिज्या `r_(1)` की तथा दूसरी अधिक त्रिज्या `r_(2)` की `(r_(1) lt lt r_(2))` समाक्षी रखी गई हैं। दोनों के केन्द्र के संपाती हैं । इसके लिए अन्योन्य प्रेरकत्व ज्ञात कीजिए । |
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Answer» माना बाह्य वृत्ताकार कुण्डली में `i_(B)` धारा प्रवाहित होती है । कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत् `B_(2) = (mu_(0)i_(2))/(2r_(2))` है । क्योकि दूसरी कुण्डली की त्रिज्या बहुत छोटी है । अतः उसके क्षेत्रफल पर `B_(2)` का मान स्थिर माना जा सकता है । अतः `Phi_(1) = B_(2)pir_(1)^(2) = (mu_(0)i_(2))/(2r_(2)) xx pir_(1)^(2) = (mu_(0)pir_(1)^(2))/(2r_(2))i_(2)` परन्तु `Phi_(1) = Mi_(2) :. M = (mu_(0)pir_(1)^(2))/(2r_(2))` |
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