InterviewSolution
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दोणाचार्यने एक लब को अपना शिस्य क्यों नहीं माना |
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Answer» एकलव्य महाभारत का एक पात्र है। वह राजा हिरण्य धनु नामक निषाद के पुत्र थे। ... महाभारत में वर्णित कथा के अनुसार एकलव्य धनुर्विद्या सीखने के उद्देश्य से द्रोणाचार्य के आश्रम में आये किन्तु निषादपुत्र होने के कारण द्रोणाचार्य ने उन्हें अपना शिष्य बनाना स्वीकार नहीं किया।Explanation:this is your ANSWER HOPE it HELPS you |
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