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Answer» भारत जैसा इतना सुंदर देश इस दुनिया में और कहीं नहीं है। इतने सारे भाषाओं का संगम है यहां। गंगा , यमुना , सरस्वती, ताप्ती, गोदावरी और न जाने कितने नदियों की धारा बहती है यहां।
सेवा और सत्कार की आदर भूमि है यह। एक दूसरे के प्रति सबके मन में भाव जागती है यहां।
हे भारत भूमि तुमको मेरा सत् सत् नमन है। क्या कहूं मैं तुम्हारे विषय में मुझे तुम पर बहुत गर्व है। इस पवित्र भूमि का खुद को नागरिक कहते हुए मुझे फक्र है। यह त्याग की भूमि है, यह बलिदानी की भूमि है।
यहां एक नहीं कई मां का निवास है। एक जन्मदात्री मां है तो एक धरती मां है जो हर दिन हम सबके बोझ को अपने कांधे पर लादकर चलती है।
इतना सुंदर तीर्थ स्थल है यहां पर । भक्ति की अजस्त्र धारा बहती है भारत भूमि से। इसकी मिट्टी की खुशबू पर नाज़ है हम सबको।
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