1.

Eassy on wisdom of heart and wisdom of head in hindi in 600 words

Answer»

दिल और दिमाग के फैसले हमें कई बार असमंजस में डाल देते हैं। हमें समझ नहीं आता की हम किसकी सुने दिल की या दिमाग की।

दिमाग भले ही हमें इजाजत देता है फैसले लेने के कोई भी काम करने का मगर इस दिमाग का संचालन तो दिल ही करता है।

दिमाग काम न करें तब भी हम जीवित रह सकते हैं मगर यदि दिल काम करना बंद हो जाए तो हम बिल्कुल भी जीवित नहीं रह सकते।

दिल पर दिमाग का जोड़ नहीं चलता मगर दिमाग पर दिल का जोड़ अवश्य चलता है।अपने दिमाग का प्रयोग तर्कसंगत निर्णय लेने में करें। विवादित बयानों के लिए दिमाग की जरूरत होती है। वहां दिल के निर्णय की कोई महत्व नहीं रहती है।

इसके अलावा आपके जीवन से जुड़े किसी भी फैसले के लिए आपको अपने दिल और दिमाग दोनों से निर्णय लेना चाहिए।

याद रखें दिल के निर्णय को दिमाग पर और दिमाग के निर्णय को दिल पर हावी नहीं होने देना है। फैसले ऐसे लिजिए जिससे की आपको कोई तकलीफ़ न हो।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions