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ेघ आए बड़ेबन-ठन के सँवर के।आगे-आगेनाचती-गाती बयार चल

Answer» Ye toh class 9 the ka chapter hai.<br>मेघ आये बड़े बन ठन के संवर केआगे-आगे नाचती गाती बयार चलीदरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगीं गली गलीपाहुन ज्यो आये हों गाँव में शहर केमेघ आये बड़े बन ठन के संवर केजब प्रचंड गर्मी के बाद काले बादल आसमान पर छाने लगते हैं तो हर कोई बड़ी खुशी से उसका स्वागत करता है। इस कविता में मेघ के स्वागत की तुलना दामाद के स्वागत से की गई है। हमारे यहाँ हर जगह दामाद की बड़ी मान मर्यादा होती है। खासकर गांवों में तो जैसे पूरा गांव ही दामाद के स्वागत में जुट जाता है। मेघ किसी जमाई की तरह सज संवर कर आया है। उसके स्वागत में आगे-आगे नाचती गाती हुई हवा चल रही है, ठीक उसी तरह जैसे गांव की सालियाँ किसी जमाई के आने के समय करती हैं। लोग दरवाजे और खिड़कियाँ खोलकर उसकी एक झलक देखने को बेताब हैं।


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