1.

एक 100 W पारा (Mercury) स्त्रोत से उत्पान 2271 Å तरंगदैर्ध्य का पराबैगनी प्रकाश एक मालिडेनम धातु से निर्मित प्रकाश सेल को विकिरित करता है यदि निरोधी विभव -1.3 V हो तो धातु के कार्यफलां का आकलन कीजिये एक HeNe लेसर द्वार उत्पान 6328 Å के उच्च त्रीवता `(10^(5))` की लाल प्रकाश की साथ प्रकाश सेल किस प्रकार अनुक्रिया करेगा

Answer» (a) दिया है पराबैगनी तरंगो की तरंगदैर्ध्य
`lambda=2271 Å`
`=2271xx10^(-10)`
निरोधी विभवांतर `(V_(0))=1.3 V` (p)=100W
माना `phi_(0)` कार्य फलन है
ऊर्जा का सूत्र प्रयुक्त करने पर `(E)=hv-hv_(0)-eV_(0)`
`(hc)/(lambda)-phi_(0)=eV_(0)`
`phi_(0)=(hc)/(lambda)-eV_(0)=(6.63xx10^(-345)xx3xx10^(8))/(2271xx10^(8))-1.6x10^(-19)xx1.3`
`=8.758xxx10^(-19)-2.08xx10^(19)`
`phi =(6.678xx10^(-19))/(1.6xx10^(-19))eV=4.17eV`
लाल प्रकाश की तरंगदैर्ध्य `(lambda)=6328 Å =6328 xx10^(10)` मीटर
ऊर्जा `(E)=(hc)/(lambda)`
`=(6.63xx10^(-34)xx3xx10^(8))/(6328xx10^(-10)=(3.143xx10^(-19))/(1.6xx10^(-19))`eV=1.96 eV
यह पर ऊर्जा E=1.96 eV कार्य फलन `(phi_(0))` से कम है अतः फोटो सेल इस लाल प्रकाश की लिए कोई प्रभाव नहीं डालेगा


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