1.

एक धातु, जिसका कार्य-फलन 1.7 eV है, के तल से निकले फोटो-एलेक्ट्रनों का निरोधी विभव 10.4 वोल्ट है। प्रयुक्त विकिरण की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। हाइड्रोजन परमाणु में उन ऊर्जा-स्तरों का भी अभिनिर्धारण कीजिए जो इसी तरंगदैर्घ्य का उत्सर्जन करेंगें। `(h=6.63xx10^(-34)" जूल-सेकण्ड तथा" c= 3.0xx10^(8)" मीटर / सेकण्ड")`

Answer» यदि धातु पर `lambda` तरंगदैर्घ्य का विकिरण गिरने से उत्सर्जित प्रकाश-एलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा `E_(k)` हो, तब
`E_(k)=("h c")/(lambda)-W" "("आइन्सटीन समीकरण")`
जहाँ W धातु का कार्य-फलन है। यदि निरोधी विभव `V_(0)` वोल्ट हो तब `E_(k)="e "V_(0),` जहाँ e इलेक्ट्रॉन का आवेश है।
`:."eV"_(0)=("h c")/(lambda)-W`
अथवा `lambda=("h c")/(W+eV_(0)).`
यहाँ `W+"eV"_(0)=1.7"eV"+10.4"eV"=12.1"eV"`
`=12.1xx(1.6xx10^(-19))" जूल ।"`
`:. lambda=((6.63xx10^(-34)" जूल-से")xx(3.0xx10^(8)" मि/से"))/(12.1xx1.6xx10^(-19)"जूल")`
`=1.027xx10^(-7)"मी"=1027Å.`
तरंगदैर्घ्य `lambda=1027Å` के संगत फोटॉन ऊर्जा
`=(12375)/(1027Å)=12.1" eV" ("इलेक्ट्रॉन-वोल्ट")"|"`
अब, हाइड्रोजन परमाणु के ऊर्जा-स्तरों के लिये निम्न समीकरण है :
`E_(n)=-(13.6)/(n^(2))"eV"," जहाँ "n=1,2,3,4, ...`
इससे `E_(1)=-13.6" eV", E_(2)=-3.4" eV, "E_(3)=-1.5" eV"`
तथा `E_(4)=-0.85" eV", ...`
`:.E_(3)-E_(1)=-1.5" eV"-(-13.6" eV")`
`=12.1" eV"(" इलेक्ट्रॉन-वोल्ट")"|"`
इस प्रकार, `lambda=1027Å` विकिरण उत्सर्जित करने वाले ऊर्जा-स्तर
n = 3 तथा n = 1.


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