InterviewSolution
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हाइड्रोजन परमाणु के `3to2` संक्रमण के संगत विकिरण प्रकाशिक इलेक्ट्रॉन उत्पन्न के लिए धात्विक सतह पर गिरती है। ये इलेक्ट्रॉन चुम्ब्कीय क्षेत्र `3xx10^(-4)" T"` में प्रवेश करते हैं। यदि इन इलेक्ट्रॉनों द्वारा अनुसरित उच्चतम वृत्तीय पथ की त्रिज्या 10.0 मिमी है, तब धातु का कार्य फलन लगभग है :A. `0.8" eV"`B. `1.6" eV"`C. `1.8" eV"`D. `1.1" eV"` |
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Answer» Correct Answer - D `"e v B"=("mv"^(2))/( r )` अथवा `"r e B"="mv"impliesr^(2)e^(2)B^(2)=m^(2)v^(2)` अथवा `(1)/(2)"mv"(2)=(r^(2)e^(2)B^(2))/(2m)` `=((10.0xx10^(-3))^(2)xx(1.6xx10^(-19))^(2)xx(3xx10^(-4))^(2))/(2xx9.1xx10^(-31))` `=12.66xx10^(-20)"J"=(12.66xx10^(-20)"J")/(1.6xx10^(-19)"J"/"eV")` `=7.9xx10^(-1)" eV"=0.79" eV".` `3to2` संक्रमण में उत्सर्जित ऊर्जा `E=13.6[(1)/((2)^(2))-(1)/((3)^(2))]"eV"=13.6[(1)/(4)-(1)/(9)]"eV"` `=(13.6xx5)/(36)=1.89" eV"` कार्य फलन, `W=E-(1)/(2)"mv"^(2)=1.89"eV"-0.79" eV"=1.1"eV".` |
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