InterviewSolution
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एक धातु तो के लिये देहली तरंगदैर्घ्य 2890 Å है। इस पर ` 2.54 xx 10^(-7)` मीटर तरंगदैर्घ्य का प्रकाश डाला जाता है ज्ञात कीजिया - (A ) उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा। (B) प्रकाश इलेक्टॉनो का उत्सर्जन रोकने के लिए आवश्यक निरोधी विभव `(h = 6.6 xx 10^(-34)` जूल - सेकण्ड, ` c= 3.0 xx 10^(8)` मीटर / सेकण्ड ) |
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Answer» आइन्सटीन की पकाशवैधुत समीकरण से , ` K_(max) = hv - phi_(0) = (hc)/lambda- (hc)/lambda_(0) ` ` =hc [ 1/lambda - 1/(lambda_(0))] hc (lambda_(0)- lambda)/(lambda lambda_(0))` , `lambda_(0) = 2890 Å = 2.89 xx 10^(-7)` मीटर `(lambda_(0)-lambda)/(lambdalambda_(0)) = (2.89 xx 10^(-7) - 2.54 xx 10^(-7))/( 2.54 xx 10^(-7) xx 2.89 xx 10^(-7))/(2.54 xx 10^(-7) xx 2.89 xx 10^(-7))` ` = 4.786 xx 10^(5)` ` K_(max) = 6.6 xx 10^(-34) xx 3 xx10^(8) xx 4.768 xx 10^(5)` = ` 9.44 xx 10^(-20)` जूल (B) यदि निरोधी विभव `V_(0) "हो तो" , eV_(0) = K_(max) ` ` V_(0) = (K_(max))/e = ( 9. 44 xx 10^(-20))/(1.6 xx 10^(-19)) = 0.6 ` वोल्ट |
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