InterviewSolution
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एक L-C-R श्रेणीक्रम परिपथ, जिसमें 100 ओम का प्रतिरोध है, को 200 वोल्ट तथा 300 रेडियन/सेकण्ड के कोणीय आवृत्ति वाले प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत से युक्त किया गया है | परिपथ में से केवल धारिता को निकाल देने पर धारा लगाये गये वोल्टेज से कला में `60^(@)` पीछे रह जाती है | यदि परिपथ में केवल प्रेरकत्व निकाल दे तो धारा वोल्टेज से कला में `60^(@)` आगे हो जाती है | L-C-R परिपथ में बहने वाली धारा, शक्ति गुणांक तथा शक्ति क्षय की गणना कीजिये | |
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Answer» जब केवल धारिता को हटाया जाता है तो यह L-C परिपथ यह जाता है जिसमें, `tan phi_(1) = (X_(L))/(R )` `therefore " " X_(L) R tan phi_(1) =100 tan 60^(@) = 100 sqrt(3)` जब केवल प्रेरकत्व को हटाया जाता है तो यह C-R परिपथ रह जाता है जिसमें, `tan phi_(2) = (X_(C))/(R)` `therefore " "X_(C) = R tan phi_(2) = 100 tan 60^(@) = 100sqrt(3)` अतः L-C-R परिपथ की प्रतिबाधा, `Z = sqrt(R^(2) + (X_(L) - X_(C))^(2)) = R =100` ओम `(because X_(L) = X_(C))` धारा, `i_(rms) = (V_(rms))/(Z) = (200)/(100) =2` ऐम्पियर शक्ति गुणांक `cos phi = (R)/(Z) = (100)/(100) = 1` औसत शक्ति क्षय, `barP_(av) = i_(rms) V_(rms) cos phi = 2xx200xx1` = 400 वाट |
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