1.

एक ‌नाभिकीय रियेक्टर में प्रति `U^(235)` के नाभिक के विखण्डन से `200MeV` ऊर्जा मुक्त होती है। रियेक्टर की दक्षता `10%` है तथा यह `1000MW` (मेगावाट) शक्‍ति जनन करता है । रियेक्टर को 10 वर्षों तक चलाने के लिए आवश्यक यूरेनियम के द्रव्यमान की गणना कीजिए। आवोगाद्रो संख्या `N_(A)=6.02xx10^(26)`/किलोमोल तथा 1 `MeV=1.6xx10^(-13)` जूल।

Answer» रियेक्टर की शक्‍ति `=1000` मेगावाट
`=1000xx10^(6)` वाट `=10^(9)` वाट अथवा जूल/सेकण्ड
रियेक्टर द्वारा 1 सेकण्ड में उत्पन्न ऊर्जा `10^(9)` जूल है। अतः 10 वर्षों में जनित ऊर्जा
`=10^(9)xx(10xx365xx24xx60xx60)`
`=3.15xx10^(17)` जूल
`=(3.15xx10^(17))/(1.6xx10^(-13))MeV=1.97xx10^(30)MeV`
चूंकि रियेक्टर की दक्षता 10% है। अतः रियेक्टर द्वारा जनित ऊर्जा नाभिकीय विखण्डन द्वारा उत्पन्न ऊर्जा का केवल 10% है।अतः रियेक्टर में 10 वर्षों में नाभिकीय विखण्डन से उत्पन्न ऊर्जा
`E=((1.97xx10^(30))xx100)/10=1.97xx10^(31)MeV`
चूंकि `U^(235)` के एक नाभिक के विखण्डन से `200MeV` ऊर्जा प्राप्त होती है। अतः 10 वर्षों में विखण्‍डित नाभिकों की संख्या
`=(1.97xx10^(31))/200=9.85xx10^(28)`
`U^(235)` के 1 किलोमोल अर्थात 235 किग्रा में नाभिकों की संया `6.02xx10^(26)` है। अतः रियेक्टर में 10 वर्षों में प्रयुक्त यूरेनियम की मात्रा
`=235/(6.02xx10^(26)xx9.85xx10^(28))` किग्रा
`=3.84xx10^(4)` किग्रा


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