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Answer» रस नौ होते है। 1 श्रृंगार रस "गाता शुक जब किरण बसंती छूती अंग पर्ण से छनकर किंतु शुकी के गीत उमड़कर रह जाते सनेह में सन कर" 2 वीर रस " वह खून कहो किस मतलब का जिसमें उबाल का नाम नहीं वह खून कहो किस मतलब का आ सके देश के काम नहीं" 3 शांत रस " माली आवत देखि के कलियनुँ करे पुकार फूले फूले चुन लई काल्हि हमारी वार" 4 करुण रस "हां सही न जाती मुझसे अब आज भूख की ज्वाला कल से ही प्यास लगी है हो रहा ह्रदय मतवाला" 5 रौद्र रस "रे नृप बालक काल बस बोलत तोहि न संभार धनुही सम त्रिपुरारी धनु विदित सकल संसार " 6 भयानक रस "एक ओर अजगर ही लखि एक ओर मृग राय विकल बटोही बीच ही परर्यो मूर्छा खाए" 7 वीभत्स रस "सिर पर बैठ्यो काग आंख दोउ खात निकारत खींचत जीभहिं स्यार अतिहिआनंद उर धारत" 8 अद्भुत रस "अखिल भुवन चर अचर सब हरि मुख में लखि मातु चकित भई गद् गद वचन विकसित दृग पुलकातु" 9 हास्य रस "लाला की लाली यों बोली सारा खाना ये चर जाएंगे जो बच्चे भूखे बैठे हैं क्या पंडित जी को खाएँगे "
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