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गांधीजी के साक्षरता सिद्धांत की व्याख्या कीजिए​

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गांधीजी का शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष योगदान रहा है। उनका मूलमंत्र था - 'शोषण-विहीन समाज की स्थापना करना'। उसके लिए सभी को शिक्षित होना चाहिए। क्योंकि शिक्षा के अभाव में एक स्वस्थ समाज का निर्माण असंभव है। अतः गांधीजी ने जो शिक्षा के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों की व्याख्या की तथा प्रारंभिक शिक्षा योजना उनके शिक्षादर्शन का मूर्त रूप है। अतएव उनका शिक्षादर्शन उनको एक शिक्षाशास्त्री के रूप में भी समाज के सामने प्रस्तुत करता है। उनका शिक्षा के प्रति जो योगदान था वह अद्वितीय था।



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