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गणितशास्त्र में आर्यभट्ट द्वारा की गयी खोजों का वर्णन कीजिए ।

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आर्यभट्ट ने शून्य (0) की खोज की थी इसका वर्णन उसने अपने ग्रन्थ आर्यभट्टीयम में किया है ।

  • आर्यभट्ट ने (पाई) की किमत 22/7 (3.14) होती है, जिसका उल्लेख अपने ग्रन्थ में किया है ।
  • उसने प्रतिपादित किया कि गोलक (वृत्त) की परिधि और व्यास के गुणोत्तर को दर्शाने के लिए अचलांक ए है ।
  • भाग की आधुनिक पद्धति, गुणाकार, जोड़, भाग, वर्गमूल, घनमूल आदि अष्टांग पद्धति की जानकारी आर्यभट्ट ने. अपने ग्रन्थों में दी है ।
  • इसलिए आर्यभट्ट को गणितशास्त्र का पिता कहा जाता है ।
  • उसने ‘दशगीतिका’, ‘आर्यभट्टीयम’ जैसे ग्रन्थ लिखे है ।
  • गणित, अंकगणित और रेखागणित की मूलभूत समस्याओं का समाधान खोजा है ।


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