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गृह-परिचारिका का रोगी के लिए क्या महत्त्व है?

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रोगी को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ कराने में परिचारिका का महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है। वह रोगी एवं चिकित्सक के बीच की महत्त्वपूर्ण कड़ी है, जो कि

  1. रोगी की देखभाल करती है।
  2. रोगी व उसके आस-पास की सफाई की व्यवस्था करती है।
  3. चिकित्सक के निर्देशानुसार रोगी को औषधि देती है।
  4. घावों की आवश्यक मरहम-पट्टी करती है।
  5. रोगी को स्नान व स्पंज कराती है।
  6. रोगी को मल-मूत्र विसर्जन में सहायता करती है।
  7. रोगी के आहार की व्यवस्था करती है।
  8. रोगी के ताप आदि का चार्ट बनाती है।
  9. रोगी की निराशा दूर कर उसे धैर्य बँधाती है।
  10. रोगी से मित्रतापूर्ण व्यवहार करती है तथा उसकी सभी सुख-सुविधाओं का ध्यान रखती है।


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