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ग्रीष्मे शरीरं सस्वेदं शीते कम्पमयं सदा। हलेन च कुदालेन तौ तु क्षेत्राणि कर्षतः ॥2 hindi anuvad |
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Answer» गर्मी में शरीर पसीने से भरा रहता है और ठंड में काँपता रहता है फिर भी वे दोनों हल से या कुदाल से खेतों को जोतते रहते हैं |
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